
भारतीय क्रिकेट के अनुभवी ऑलराउंडर आर. अश्विन इंटरनेशनल लीग T20 के 2025 सीज़न के लिए हुई नीलामी में अनसोल्ड रह गए हैं। यह हैरान करने वाली खबर है क्योंकि अश्विन ने 120,000 अमेरिकी डॉलर की सबसे ऊंची बेस प्राइस के साथ नीलामी में भाग लिया था।
38 वर्षीय तमिलनाडु क्रिकेटर पूरे सीज़न के लिए उपलब्ध थे और उनसे बोली लगने की उम्मीद थी। तीन फ्रेंचाइजी जिनके मालिक आईपीएल से जुड़े हैं, उनके बोली लगाने की संभावना सबसे ज्यादा थी।
अगर अश्विन चुने जाते तो वह दिनेश कार्तिक और पियूष चावला के साथ इस लीग में खेलने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बन जाते। यह अवसर हाथ से निकल गया है।
यह निर्णय ऐसे समय आया है जब अश्विन आईपीएल से रिटायरमेंट के बाद अपने फ्रेंचाइजी क्रिकेट करियर को विस्तार दे रहे हैं। वह नवंबर में हांगकांग सिक्सेस में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया के बिग बैश लीग में सिडनी थंडर की ओर से खेलेंगे। यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का महत्वपूर्ण चरण है।
भारतीय क्रिकेट के इस स्तंभ ने 65 टी20ई मैचों में 23.22 के औसत से 72 विकेट लिए हैं। आईपीएल में उनका रिकॉर्ड और भी प्रभावशाली रहा है।
उन्होंने 221 आईपीएल मैचों में 187 विकेट झटके हैं। अश्विन ने चेन्नई सुपर किंग्स, किंग्स XI पंजाब, राइजिंग पुणे सुपरजायंट जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व किया।
दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स में भी उन्होंने अपना जलवा बिखेरा। इतने समृद्ध अनुभव के बावजूद ILT20 की टीमों ने उन्हें नहीं चुना।
यह फैसला क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञ इसके पीछे की वजहों पर विचार कर रहे हैं।
क्या उम्र एक कारक रही? या फिर टीमों की रणनीति में बदलाव? इन सवालों के जवाब अभी स्पष्ट नहीं हैं।
हालांकि अश्विन के लिए यह समय निराशा का नहीं है। उनके पास आगे के टूर्नामेंट्स में अपनी काबिलियत साबित करने के कई मौके मौजूद हैं।
हांगकांग सिक्सेस और बिग बैश लीग में वह फिर से अपना जादू दिखा सकते हैं। उनका अनुभव और कौशल अभी भी विश्व स्तर का है।
क्रिकेट प्रेमी उनके अगले प्रदर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अश्विन की दृढ़ता और समर्पण ने हमेशा से ही उन्हें विशेष बनाया है।
यह नया चुनौतीपूर्ण दौर उनकी काबिलियत को और निखारेगा। क्रिकेट की दुनिया में अश्विन का सफर अभी जारी है।