
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा क्षेत्र में अवैध मतदाता जोड़े जाने और कर्नाटक के आलंद क्षेत्र में मतदाता हटाए जाने के आरोप लगाए। इन आरोपों के कुछ ही मिनटों बाद राजुरा के कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष धोटे ने कहा कि चुनावी धांधली की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि यह धांधली एक automated software के जरिए की गई। उन्होंने कहा कि इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में मतदाताओं को जोड़ने और हटाने के लिए किया गया था और अब बिहार में इसका इस्तेमाल हो रहा है।
राजुरा चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों में से एक है। कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा धनोरकर ने चंद्रपुर सीट पर 2,60,000 मतों से जीत हासिल की थी। केवल राजुरा विधानसभा खंड में कांग्रेस की बढ़त 58,349 मतों की थी।
लेकिन महज छह महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के देवराव भोंगले ने धोटे को 3,054 मतों से हरा दिया।
धोटे ने कहा कि वे तीसरी बार 3,000 से अधिक मतों से चुनाव जीत जाते। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने नकली प्रविष्टियों के बारे में चुनाव आयोग से औपचारिक शिकायत की तो आयोग ने उन सभी को हटा दिया।
धोटे ने आगे बताया कि तहसीलदार ने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज की। हालांकि चुनाव आयोग इस घोटाले में शामिल लोगों का विवरण पुलिस के साथ साझा नहीं कर रहा है। धोटे ने इस बारे में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखे हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
भोंगले ने दावा किया कि चुनाव से पहले मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के दौरान उन्होंने ही चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें संदेह था कि नकली नाम जोड़े जा रहे हैं जिसके आधार पर प्रक्रिया के दौरान कई आवेदनों को खारिज कर दिया गया।
भोंगले ने कहा कि जैसा कि राहुल जी ने दावा किया है वैसे नाम सूची में नहीं जोड़े गए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में 344 मतदान केंद्र थे और 10,600 नए मतदाताओं का जुड़ना सामान्य बात है।
कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने दावा किया कि पांच महीने के भीतर चंद्रपुर लोकसभा सीट पर लगभग 55,000 नए मतदाता जोड़े गए। उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2024 के बीच 11,667 नकली मतदाताओं को ऑनलाइन पंजीकृत किया गया।
लोंढे ने कहा कि उनकी शिकायत के बाद प्रविष्टियों को हटा दिया गया लेकिन नकली पंजीकरण के लिए इस्तेमाल किए गए आईपी पते, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबरों की मांग अभी भी पूरी नहीं हुई है।
शिव सेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज साझा करने से इनकार करके चुनाव आयोग ने साबित कर दिया कि गांधी जो कह रहे हैं वह सच है। उन्होंने कहा कि अगर आयोग को स्वाभिमान है तो उसे राहुल गांधी के सवालों का जवाब देना चाहिए।
भाजपा ने गांधी पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें एक धारावाहिक झूठा बताया और चुनाव आयोग द्वारा गांधी के खुलासे को खारिज करने को प्रमाण के रूप में पेश किया।
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में हार से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है इसलिए वे ये सभी आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किए हैं लेकिन उन्होंने आयोग या अदालत में कोई सबूत नहीं दिया है। यह भारत के संविधान और न्यायपालिका का अपमान है।
राज्य एनसीपी अध्यक्ष सुनील ताटकरे ने these आरोपों को बचकाना बताया और कहा कि मतदाता कांग्रेस नेता और इंडिया गठबंधन द्वारा तैयार किए जा रहे narrative को समझने के लिए काफी जानकार हैं।
यह मामला चुनावी पारदर्शिता और लोकतंत्र की अखंडता से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से त्वरित कार्रवाई और पूरी जांच की मांग की है।
दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल इन आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बता रहे हैं। उनका कहना है कि चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष रही है।