
नई दिल्ली: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही का संचालन किया। यह कदम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद उठाया गया। भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और आमतौर पर हर दिन की शुरुआत में सदन की कार्यवाही का संचालन करते हैं। श्री धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई) की शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा था।
श्री धनखड़ ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।”
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के बीच श्री धनखड़ का इस्तीफा कई लोगों के लिए आश्चर्यचकित करने वाला था, क्योंकि वह भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने और जनसेवा के प्रति समर्पित रहने के लिए जाने जाते थे। अपने पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू को उनके समर्थन और अपने कार्यकाल के दौरान उनके साथ हुए अच्छे कामकाजी संबंधों के लिए धन्यवाद दिया।
पत्र में आगे लिखा था, “मैं भारत की माननीय राष्ट्रपति महामहिम को उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद और अद्भुत कामकाजी संबंधों के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।”
पद छोड़ते समय श्री धनखड़ ने भारत की वैश्विक उन्नति और उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया और देश के उज्ज्वल भविष्य में अपना विश्वास जताया। उन्होंने कहा, “इस सम्मानित पद को छोड़ते हुए मैं भारत की वैश्विक उन्नति और असाधारण उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा हूं और मुझे देश के शानदार भविष्य में अटूट विश्वास है।”
इस्तीफे के बाद राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। अब उपसभापति हरिवंश को उपराष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए अधिकृत किया गया है।
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन अचानक आया यह इस्तीफा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। श्री धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन बनेगा।