
नई दिल्ली [भारत], 25 जून (एएनआई)। भारतीय रेलवे द्वारा साइलो लोडिंग की वजह से देश के सभी थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले का स्टॉक रिकॉर्ड 58.25 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यह मात्रा 25 दिनों के उपभोग के लिए पर्याप्त है। रेल मंत्रालय ने एक बयान में इसकी जानकारी दी।
यह रिकॉर्ड स्टॉक भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करता है। इससे पीक समर मंथ्स के दौरान बिना रुकावट बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। आने वाले मॉनसून पीरियड के लिए भी पर्याप्त स्टॉक का भरोसा मिला है, जब भारी बारिश की वजह से कोयले का उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन अक्सर चुनौतियों का सामना करता है।
साइलो लोडिंग एक मैकेनाइज्ड प्रक्रिया है जिसमें कोयले जैसे बल्क मटेरियल को स्टोरेज साइलो से सीधे रेलवे वैगन में लोड किया जाता है। यह पारंपरिक तरीकों जैसे फ्रंट एंड लोडर्स या मैन्युअल शोवलिंग से अलग है।
साइलो लोडिंग से कोयले का साइज यूनिफॉर्म रहता है। पावर प्लांट्स को ओवरसाइज्ड बोल्डर से जुड़ी शिकायतों से छुटकारा मिलता है। वैगन को होने वाली क्षति कम होती है और खराब मौसम की स्थिति में भी परिचालन विश्वसनीय रहता है।
मंगलवार को कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी और रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें कोयला लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की दक्षता की समीक्षा की गई।
चर्चा का मुख्य फोकस साइलो लोडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बढ़ाने पर था, जो कोयला इवैक्युएशन की क्वालिटी और स्पीड सुधारने में अहम भूमिका निभाता है।
मंत्रियों ने प्रमुख कोलफील्ड्स में साइलो इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए चल रही और प्रस्तावित परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में माइन से प्लांट तक सीमलेस ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए इंटर मिनिस्टीरियल कोऑर्डिनेशन बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया।
पिछले कुछ वर्षों में साइलो के जरिए लोड किए जाने वाले कोयले की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह हिस्सेदारी 2022 23 में 18.8 प्रतिशत थी जो 2025 26 (अब तक) में बढ़कर 29 प्रतिशत हो गई है। यह कोयला लॉजिस्टिक्स को सुधारने की दिशा में स्पष्ट और निरंतर प्रयास को दर्शाता है। मंत्रालय ने बयान में यह जानकारी दी। (एएनआआई)