
देश की सबसे बड़ी रिटेलर, रिलायंस रिटेल अगले तीन सालों में 20 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) हासिल करने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। यह विश्वास कंपनी के विभिन्न वर्टिकल में संरचनात्मक ग्रोथ टेलविंड्स के कारण आया है। कंपनी अपनी ऑनलाइन बिक्री और क्विक कॉमर्स की पहुंच को तेजी से बढ़ा रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की डायरेक्टर ईशा अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की एजीएम में बताया कि कंपनी को उम्मीद है कि उसकी 20 प्रतिशत रेवेन्यू इन चैनलों से आएगी।
रिलायंस के रिटेल कारोबार ने वित्त वर्ष 2025 में 3.3 लाख करोड़ रुपये (38.7 बिलियन डॉलर) का मील का पत्थर पार किया। ईशा अंबानी ने बताया कि इसकी सबसे बड़ी खपत वाली बास्केट – ग्रॉसरी, फैशन और लाइफस्टाइल, और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स – में संरचनात्मक ग्रोथ टेलविंड्स मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ‘ये केवल वित्तीय मील के पत्थर नहीं हैं; ये इस बात का सबूत हैं कि महत्वाकांक्षा, अनुशासन, इनोवेशन और एक्जीक्यूशन मिलकर दीर्घकालिक, स्थायी वैल्यू बना सकते हैं। आगे देखते हुए, हम अगले तीन सालों में रिटेल रेवेन्यू में 20 प्रतिशत से अधिक CAGR देने के लिए आश्वस्त हैं।’ ईशा अंबानी रिटेल बिजनेस का नेतृत्व करती हैं।
इसके अलावा, रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) का डीमर्जर, जो रिटेल डिवीजन के फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कारोबार को संभालता है, रिलायंस इंडस्ट्रीज के तहत एक अलग कंपनी के रूप में नई संभावनाओं को खोलेगा। आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आरसीएपीएल के बारे में कहा, ‘आरसीएपीएल ने ऑपरेशन के पहले ही साल में शानदार ग्रोथ हासिल की है। इसने 11,500 करोड़ रुपये (1.4 बिलियन डॉलर) का टर्नओवर हासिल किया है, जिससे यह अब तक की सबसे तेजी से बढ़ती FMCG कंपनी बन गई है।’ मुकेश अंबानी ने कहा कि यह भारत का सबसे उन्नत, स्केलेबल और समावेशी रिटेल इकोसिस्टम है, जो पूरे देश में सस्ती कीमतों पर उच्चतम गुणवत्ता और सबसे व्यापक विकल्प प्रदान करता है।
उन्होंने आगे कहा, ‘और यह दुनिया में अद्वितीय पैमाने और गहराई के साथ सबसे तेजी से बढ़ते खुदरा विक्रेताओं में से एक है। रिलायंस रिटेल अब सुपर ग्रोथ के अगले अध्याय को लिखने के लिए तैयार है।’ वित्त वर्ष 2025 में, रिलायंस रिटेल ने 2,659 नए स्टोर जोड़े, जिससे स्टोर्स की कुल संख्या 19,340 हो गई। ईशा अंबानी ने कहा, ‘स्टोर हमारी रिटेल रेवेन्यू की रीढ़ बने हुए हैं, जो लगभग 70 प्रतिशत का योगदान करते हैं, और उच्च सिंगल-डिजिट लाइक-फॉर-लाइक गेन के साथ-साथ सालाना 2,000-3,000 नए स्टोर्स के स्थिर विस्तार के माध्यम से बढ़ते रहेंगे।’
इसके अलावा, जियोमार्ट भी हाइपरलोकल क्विक कॉमर्स में अग्रणी है। यह अपने विशाल स्टोर नेटवर्क, रणनीतिक रूप से स्थित डार्क स्टोर्स और गहरे उपभोक्ता डेटा का उपयोग करके किसी भी प्रतिस्पर्धी की तुलना में तेज और अधिक विश्वसनीय डिलीवरी प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘हमारे ऑनलाइन चैनल रिटेल रेवेन्यू का एक उच्च सिंगल-डिजिट हिस्सा योगदान करते हैं, लेकिन तीन साल के भीतर 20 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ जाएंगे।’
ईशा अंबानी ने आगे कहा कि रिलायंस रिटेल ने इस साल लगभग 1.4 बिलियन लेनदेन संसाधित किए, जो लगभग भारत की आबादी के बराबर है। यह पैमाना केवल लाभकारी रूप से बढ़ने की क्षमता को मजबूत करता है। उन्होंने कहा, ‘रिलायंस रिटेल केवल भारत के उपभोग बूम में भाग नहीं ले रहा है। हम इसे बढ़ावा दे रहे हैं। और हम ऐसा उस अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ कर रहे हैं जो मजबूत आंतरिक नकदी प्रवाह के माध्यम से विकास को निधि देने से आता है। यही कारण है कि 20 प्रतिशत से अधिक CAGR सिर्फ प्राप्त करने योग्य नहीं है, यह एक लक्ष्य है जिसे हम पार करने जा रहे हैं।’ उन्होंने यह भी बताया कि रिलायंस ‘भारत की रिटेल कहानी को आगे बढ़ाना जारी रखेगा।’
कंपनी का यह आत्मविश्वास उसके मजबूत नींव और भविष्य की योजनाओं को दर्शाता है, जिसमें डिजिटल चैनलों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। रिलायंस रिटेल का लक्ष्य सिर्फ भारत में अपनी पकड़ मजबूत करना नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते रिटेलर्स में से एक बनना भी है। यह सब ‘रिलायंस’ ब्रांड को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में मदद करेगा। जिस तरह से कंपनी अपनी पहुंच और सुविधाओं का विस्तार कर रही है, उससे यह स्पष्ट है कि रिलायंस रिटेल आने वाले समय में भारतीय बाजार में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।