
रिशभ पंत का खेल शायद पारंपरिक भारतीय बल्लेबाज़ी से मेल नहीं खाता, लेकिन इस छोटे कद के विकेटकीपर ने मंगलवार को हेडिंग्ले में इतिहास रच दिया। 27 साल के इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच था और पंत ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
इंग्लैंड में यह पंत का चौथा टेस्ट शतक था। वह ज़िम्बाब्वे के एंडी फ्लावर के बाद दुनिया के दूसरे विकेटकीपर बन गए जिन्होंने एक ही मैच की दोनों पारियों में शतक बनाए। भारत की पहली पारी में 134 रन बनाने के बाद, दूसरी पारी में जब टीम 92-3 पर संकट में थी, तो पंत ने एक बार फिर अपनी खास शैली से मैच का रुख बदल दिया।
उनका खेल देखने लायक था। दूसरी ही गेंद पर उन्होंने स्लिप क्षेत्र के ऊपर से चौका मारा और फिर क्रिस वोक्स की गेंद को जमीन पर पटक दिया। लेकिन इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ब्रायडन कार्स की 140 किमी प्रति घंटे की गेंद को घुटने के बल बैठकर छक्का मारना किसी करिश्मे से कम नहीं था। शोएब बशीर की गेंदों पर भी उन्होंने दो छक्के जड़े।
दूसरे छोर पर केएल राहुल ने पारंपरिक शैली में 137 रन बनाए। पंत ने उपकप्तान की जिम्मेदारी निभाते हुए 118 रन की तूफानी पारी खेली और दोनों ने मिलकर 195 रन की साझेदारी की। राहुल ने शतक के लिए 202 गेंदें खेलीं जबकि पंत को यहां तक पहुंचने में 72 गेंदों कम लगीं।
मैच के बाद राहुल ने कहा, “पंत के साथ मेरी कई साझेदारियां रही हैं। उनका माइंडसेट समझ पाना मुश्किल है। रिशभ को रिशभ ही रहने देना चाहिए। उनके पागलपन के पीछे एक तरीका जरूर होता है। टेस्ट क्रिकेट में उनका औसत 45 के आसपास है, यह साबित करता है कि वे जो शॉट खेलते हैं, उसके पीछे सोच विचार होता है।”
हरिद्वार में जन्मे पंत के बचपन की कहानी प्रेरणादायक है। उनकी मां दिल्ली में उनके क्रिकेट प्रशिक्षण के लिए चार घंटे की ड्राइव करती थीं और अक्सर दोनों सिख मंदिर में रुकते थे क्योंकि होटल का खर्च वहन नहीं कर सकते थे। दिवंगत कोच तारक सिन्हा ने उन्हें प्रशिक्षित किया, जिन्होंने मनोज प्रभाकर और शिखर धवन जैसे खिलाड़ियों को भी तैयार किया था।
18 साल की उम्र में 2015 में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करने के एक साल बाद उन्होंने महाराष्ट्र के खिलाफ तिहरा शतक जमाया। 2018 में इंग्लैंड दौरे पर मात्र तीसरे टेस्ट मैच में शतक ठोककर उन्होंने प्रतिभा का परिचय दिया। 2019 में सिडनी टेस्ट में 189 गेंदों में 159 रन की पारी ने भारत को ऑस्ट्रेलिया में पहली सीरीज जिताने में मदद की। 2021 में ब्रिस्बेन टेस्ट में नाबाद 89 रन बनाकर चोटग्रस्त भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में दूसरी सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभाई।
दिसंबर 2022 में एक भयानक कार हादसे में पंत की जान को खतरा था जब उन्हें जलती कार से खुद को बाहर निकालना पड़ा। 15 महीने के अंतराल के बाद जब वह लौटे, तो लखनऊ सुपर जायंट्स ने आईपीएल 2023 की नीलामी में उन पर 3.21 मिलियन डॉलर खर्च कर रिकॉर्ड साइनिंग की। हालांकि इस साल के आईपीएल में वह केवल 128 रन ही बना पाए थे, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने फिर से अपनी क्लास साबित कर दी।