
Robin uthapa
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा सोमवार को एक ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश हुए। अधिकारियों ने बताया कि 39 वर्षीय उथप्पा एजेंसी के दफ्तर सुबह 11 बजे पहुंचे।
ED ने उनसे पूछताछ की और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज किया। यह मामला 1xBet नामक प्लेटफॉर्म से जुड़ा है।
इस जांच के दौरान पिछले कुछ हफ्तों में ED ने पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन से भी पूछताछ की है। साथ ही पूर्व TMC सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती और बंगाली अभिनेता अंकुश हजरा भी जांच के दायरे में आए हैं।
पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और अभिनेता सोनू सूद को भी इसी मामले में तलब किया गया है। युवराज मंगलवार को और सोनू सूद बुधवार को ED के सामने पेश होंगे।
यह जांच 1xBet बेटिंग ऐप के संचालन से संबंधित है। ED का यह अभियान ऐसे प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ चल रहा है जिन पर करोड़ों रुपये का घोटाला और टैक्स चोरी का आरोप है।
क्युरासाओ में पंजीकृत कंपनी 1xBet खुद को वैश्विक स्तर का बुकमेकर बताती है। इसके 18 साल के अनुभव और 70 भाषाओं में उपलब्ध सेवाओं का दावा किया जाता है।
आने वाले दिनों में अन्य खिलाड़ियों, अभिनेताओं और सेलिब्रिटीज से भी ED पूछताछ कर सकता है। जांच के दायरे में कई और नाम शामिल होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक ED सेलिब्रिटीज से जानना चाहती है कि उन्हें इस बेटिंग कंपनी ने कैसे संपर्क किया। एंडोर्समेंट के लिए भारत में कौन संपर्क व्यक्ति थे और भुगतान कैसे किया गया।
एजेंसी यह भी पूछ रही है कि क्या सेलिब्रिटीज को पता था कि भारत में ऑनलाइन बेटिंग गैरकानूनी है। उनसे अपने कॉन्ट्रैक्ट्स और ईमेल संचार की कॉपियां मांगी गई हैं।
ED यह भी जांच कर रही है कि सेलिब्रिटीज द्वारा लिए गए पैसे का इस्तेमाल कहां किया गया। PMLA के तहत इन्हें ‘प्रॉफिट्स ऑफ क्राइम’ माना जा सकता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया है। ED ने जम्मू-कश्मीर में हुई बैठक में इस क्षेत्र में वित्तीय अपराधों की जांच के लिए विशेष रणनीति बनाई है।
सरकारी प्रतिबंध से पहले के अनुमानों के मुताबिक भारत में ऐसे ऐप्स के 22 करोड़ यूजर थे। इनमें से 11 करोड़ नियमित रूप से इस्तेमाल करने वाले थे।
भारत में ऑनलाइन बेटिंग ऐप मार्केट 100 अरब डॉलर से अधिक का था। विशेषज्ञों के मुताबिक यह 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा था।
सरकार ने संसद को बताया कि 2022 से जून 2025 तक 1,524 ऑनलाइन बेटिंग और गैंबलिंग प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए हैं।
यह मामला देश में ऑनलाइन बेटिंग के बढ़ते दायरे और उससे जुड़े वित्तीय जोखिमों को उजागर करता है। ED की जांच इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।