Fearless and Selfless: Rohit Sharma Leads India to a Famous Win Against Bangladesh in Kanpur
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में अपना दबदबा जारी रखते हुए दो मैचों की सीरीज 2-0 से क्लीन स्वीप की, जिसमें कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में निडर रवैया मुख्य भूमिका में रहा। ढाई दिन की बारिश के बावजूद, भारत ने कानपुर में अंतिम दिन 7 विकेट से शानदार जीत दर्ज की, जिससे घरेलू मैदान पर उनकी अजेय श्रृंखला जारी रही और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में उनका शीर्ष स्थान मजबूत हो गया।
पहले तीन दिनों में केवल 35 ओवरों का खेल हो पाने के बाद, भारत के बल्लेबाजों ने मात्र 24 घंटों में शानदार प्रदर्शन कर जीत की ओर कदम बढ़ाए। 95 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारतीय बल्लेबाजों ने महज एक घंटे में जीत सुनिश्चित की। यशस्वी जायसवाल ने 43 गेंदों में अर्धशतक लगाकर लक्ष्य की नींव रखी, जबकि अंत में ऋषभ पंत ने विजयी रन बनाकर सीरीज 2-0 से क्लीन स्वीप की।
भारत की अंतिम दिन की जीत में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रवींद्र जडेजा की रही, जिन्होंने तीन विकेट लेकर बांग्लादेश की पारी को तहस-नहस कर दिया। बांग्लादेश ने 26/2 से खेल की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही उनकी पारी बिखर गई और उन्होंने सिर्फ 55 रनों में 7 विकेट खो दिए। जडेजा ने सबसे पहले 55 रन की साझेदारी को तोड़ा, फिर लिटन दास और शाकिब अल हसन को लगातार ओवरों में आउट किया। बांग्लादेश की पारी 91/3 से 94/7 पर पहुंच गई, और इसके बाद जसप्रीत बुमराह ने बची हुई पारी को समेट दिया।
जडेजा की सटीक गेंदबाजी और निरंतर दबाव के आगे बांग्लादेश टिक नहीं पाया। वहीं, आर अश्विन और बुमराह ने भी तीन-तीन विकेट लिए और टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पिच पर कोई विशेष कठिनाई नहीं थी, यह सिर्फ कसी हुई और सटीक गेंदबाजी थी जिसने बांग्लादेश को घुटनों पर ला दिया।
आर अश्विन ने दिन की शुरुआत में मुमिनुल हक को आउट करके पहला झटका दिया, लेकिन शादमान इस्लाम ने आत्मविश्वास के साथ कुछ चौके लगाकर बांग्लादेश को थोड़ी उम्मीद दी। उन्होंने अश्विन के खिलाफ कवर ड्राइव और बैक-फुट कट के जरिए सात गेंदों में चार चौके लगाए। इससे बांग्लादेश को कुछ हद तक राहत मिली और उन्होंने बढ़त हासिल की, लेकिन जडेजा की घातक गेंदबाजी ने उनका सारा आत्मविश्वास खत्म कर दिया।
भारत की जीत जितनी खिलाड़ियों के प्रदर्शन का नतीजा थी, उतनी ही कप्तान रोहित शर्मा की साहसिक कप्तानी का भी। रोहित ने टीम को हमेशा जीत के लिए धक्का दिया, भले ही इसके लिए जोखिम उठाना पड़ा हो। उन्होंने खुद 11 गेंदों में 23 रन बनाकर और लगातार दो छक्के लगाकर निडरता का परिचय दिया। यशस्वी जायसवाल ने भी शानदार बल्लेबाजी करते हुए दोनों पारियों में 50 से कम गेंदों में अर्धशतक बनाए, जो भारत की जीत में अहम योगदान साबित हुआ।
बांग्लादेश के खिलाफ इस क्लीन स्वीप ने न केवल WTC स्टैंडिंग में भारत की बढ़त को मजबूत किया, बल्कि घरेलू मैदान पर उनकी अजेयता को भी साबित किया। इस जीत के साथ, भारत 2012 से घर पर कोई टेस्ट सीरीज नहीं हारा है, जो उनकी स्थिरता और दबदबे का प्रतीक है।
आने वाले WTC चक्र में, रोहित का निडर नेतृत्व और टीम का आक्रामक रवैया भारत की सफलता की कुंजी बने रहेंगे। जायसवाल, जडेजा, अश्विन और बुमराह जैसे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के साथ, भारत वैश्विक टेस्ट मंच पर अपनी गति को बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार है।