
संजय दत्त हाल ही में ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ में सुनील शेट्टी के साथ नज़र आए। इस दौरान उन्होंने एक हैरान कर देने वाली घटना के बारे में बताया। उन्हें पुलिस स्टेशन से एक अचानक कॉल आई थी जिसने उन्हें चिंता में डाल दिया।
पुलिस ने कहा कि वे उनसे मिलना चाहते हैं। ‘के.जी.एफ: चैप्टर 2’ के एक्टर सोच में पड़ गए कि किस नए मुसीबत में वे फंस गए हैं।
लेकिन पुलिस ने उन्हें अच्छी खबर सुनाई। मिलने पर उन्होंने संजय को बताया कि एक महिला का निधन हो गया है और उन्होंने अपनी सारी संपत्ति उनके नाम कर दी है।
उस महिला के पास साउथ बॉम्बे में एक बिल्डिंग थी। कुल संपत्ति की कीमत लगभग 159 करोड़ रुपये थी।
संजय ने पुलिस को बताया कि वे उस महिला को नहीं जानते हैं। इसलिए उन्हें संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने संपत्ति महिला के परिवार को लौटा दी।
शर्त यह रखी कि संपत्ति का सही इस्तेमाल किया जाए। यह घटना संजय की ईमानदारी और सच्चरित्रता को दर्शाती है।
शो के दौरान संजय ने जेल में बिताए समय के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि एक्टिंग के प्रति उनका प्यार ही उन्हें जेल में जीवित रहने में मदद करता था।
उन्होंने जेल के अंदर एक थिएटर ग्रुप बनाया था। साथी कैदियों को उन्होंने अपने एक्टर्स के रूप में कास्ट किया, जिनमें मर्डर के दोषी भी शामिल थे। संजय ने कहा, मैं डायरेक्टर था।
अर्चना पुरन सिंह ने जेल में कारपेंटरी के दौरान बनाए गए फर्नीचर के बारे में पूछा। ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ के एक्टर ने बताया कि उन्हें उनके काम की मजदूरी मिलती थी।
चाहे वह कुर्सियाँ बनाना हो या पेपर बैग। उन्होंने कहा, मैंने वहाँ वेतन कमाया। फिर मैंने जेल के अंदर एक रेडियो स्टेशन भी शुरू किया।
उसका नाम था रेडियो वाईसीपी। हमारे पास बात करने के लिए विषय होते थे, और हम कॉमेडी भी करते थे। मैंने प्रोग्राम होस्ट किया, जबकि तीन या चार कैदी स्क्रिप्ट लिखने में मदद करते थे।
गौरतलब है कि संजय दत्त पर 2007 में आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) के तहत मुकदमा चला। 1993 के मुंबई ब्लास्ट केस से जुड़े अवैध हथियार रखने के आरोप में उन्हें दोषी ठहराया गया था।
‘द भूतनी’ एक्टर ने 2013 और 2016 के बीच पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में अपनी सजा पूरी की। उनका जेल का अनुभव उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा रहा।
संजय दत्त की इस कहानी ने शो के दर्शकों को हैरान कर दिया। उनकी ईमानदारी और जेल में की गई रचनात्मक गतिविधियों ने सबको प्रभावित किया।