
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने ‘आई लव मोहम्मद-महादेव’ विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे जनता का ध्यान भटकाने का जानबूझकर किया गया प्रयास बताया।
उन्होंने सवाल किया कि क्या महादेव पूजा का विषय हैं या प्रेम का। उनका मानना है कि ऐसी भाषा देवता के प्रति अनुचित और अपमानजनक है।
शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि महादेव के साथ इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि यह महादेव का अपमान है और उनके प्रति अनादर दर्शाता है।
यह बयान उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसक घटनाओं के बाद आया है। वहां 26 सितंबर को ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टरों को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान स्थिति बेकाबू हो गई थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था।
इस हिंसा के बाद बरेली प्रशासन ने कड़े कदम उठाए। मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं 48 घंटे के लिए निलंबित कर दी गईं।
प्रदर्शन के दौरान लोग अला हजरत दरगाह और मौलाना तौकीर रजा खान के घर के बाहर जमा हुए थे। उनके हाथों में ‘आई लव मोहम्मद’ के प्लेकार्ड थे।
इस मामले में अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव नफीस खान और उनके बेटे फरमान खान को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार फरमान आईएमसी के फेसबुक पेज को संभालता था। एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने साजिश में शामिल होने की बात स्वीकार की है।
इस बीच कानपुर में भी पुलिस ने सुरक्षा के इंतजाम किए। फ्राइडे प्रार्थना के दौरान शांति बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च निकाले गए।
एसीपी आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कोई समस्या नहीं आई है। उन्होंने कहा कि पुलिस हर जगह तैनात है और स्थिति शांतिपूर्ण है।
शंकराचार्य ने इस पूरे विवाद को समाज के लिए हानिकारक बताया। उनका कहना है कि ऐसे मुद्दे राष्ट्र की प्रगति में बाधक हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि धार्मिक मामलों में संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। हर धर्म के प्रति सम्मान का भाव रखना आवश्यक है।
यह घटना देश में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए एक चुनौती बन गई है। सभी पक्षों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की जा रही है।
पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है।










