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केंद्रीय श्रम और रोजार मंत्रालय ने राष्ट्रीय श्रम और रोजार नीति का मसौदा जारी किया है। इसे श्रम शक्ति नीति 2025 नाम दिया गया है और जनता से सलाह मशविरे के लिए प्रस्तुत किया गया है।
यह नीति विकसित भारत @2047 के राष्ट्रीय लक्ष्य के साथ तालमेल बिठाते हुए काम की दुनिया को न्यायसंगत और समावेशी बनाने का प्रस्ताव रखती है। श्रम धर्म की भारतीय सभ्यता में गहरी जड़ें होने के कारण यह नीति हर श्रमिक के लिए सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करेगी।
इस नीति के तहत श्रम मंत्रालय रोजगार सुविधा प्रदाता के रूप में काम करेगा। यह श्रमिकों, नियोक्ताओं और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच तालमेल बढ़ाएगा।
राष्ट्रीय करियर सेवा प्लेटफॉर्म भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनेगा। यह पारदर्शी ढंग से नौकरी मिलान और कौशल सत्यापन की सुविधा देगा।
एआई ड्रिवेन इनोवेशन और मल्टीलिंगुअल एक्सेस के जरिए एनसीएस प्लेटफॉर्म टियर-2 और टियर-3 शहरों तक पहुंचेगा। ग्रामीण इलाकों और एमएसएमई क्लस्टरों में रोजगार सुविधा उपलब्ध कराएगा।
नीति में सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी प्रावधानों को प्रमुखता दी गई है।
महिला सशक्तिकरण और युवाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हरित रोजार और technology enabled नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
उभरती technologies और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के मद्देनजर कुशल कार्यबल तैयार करना लक्ष्य है। वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारतीय कार्यबल की भागीदारी बढ़ेगी।
ईपीएफओ, ईएसआईसी, ई-श्रम और एनसीएस जैसे डेटाबेस को एकीकृत करने का प्रस्ताव है। यूनिफाइड लेबर स्टैक डिजिटल इकोसिस्टम बनेगा।
इस डिजिटल इकोसिस्टम से आजीवन सीखने की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। सामाजिक सुरक्षा और आय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
नीति निर्माण में हितधारकों के व्यापक परामर्श शामिल हैं। सहकारी संघवाद और डिजिटल पारदर्शिता पर बल दिया गया है।
केंद्र, राज्यों, उद्योगों और सामाजिक भागीदारों के बीच समन्वित कार्रवाई का ढांचा तैयार किया गया है। विकास के लाभों का व्यापक और समान वितरण सुनिश्चित होगा।
श्रम शक्ति नीति 2025 का मसौदा श्रम मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ एम्प्लॉयमेंट और नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर भी इसे देखा जा सकता है।
हितधारक, संस्थान और आम जनता 27 अक्टूबर 2025 तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। ईमेल आईडी ddg-dget[at]nic[dot]in पर फीडबैक दिया जा सकता है।
यह नीति भारत के श्रम बाजार में बदलाव लाने का महत्वाकांक्षी प्रयास है। डिजिटल पहुंच और तकनीकी समाधानों के माध्यम से रोजार सृजन को गति मिलेगी।