
नई दिल्ली: सरकार जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए एक नया नियम लाने वाली है जिसके तहत ई-रिक्शा, इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन निर्माताओं को एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली लगानी होगी जो वाहन की गति 20 किमी प्रति घंटे से कम होने पर स्वचालित रूप से आवाज़ उत्पन्न करेगी। इसका उद्देश्य पैदल यात्रियों को आने वाले साइलेंट वाहनों के प्रति सचेत करना है।
परिवहन मंत्रालय ने क्वायट रोड ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स (QRTV) के लिए एक ड्राफ्ट ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) जारी किया है जिसमें एकॉस्टिक व्हीकल अलर्टिंग सिस्टम (AVAS) की अनिवार्यता शामिल है। यह सुरक्षा फीचर मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो कृत्रिम आवाज़ उत्पन्न करके पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं को वाहन की मौजूदगी के प्रति सचेत करता है, खासकर कम गति पर जब ये वाहन बेहद शांत होते हैं।
जब इलेक्ट्रिक वाहन अधिक गति से चलते हैं तो उनके टायरों से आवाज़ उत्पन्न होती है। सूत्रों के मुताबिक EVs के देश में आने के बाद से ही इस तरह के अलर्ट सिस्टम की जरूरत महसूस की जा रही थी, खासकर ऐसी रिपोर्ट्स के बाद जिनमें पैदल यात्रियों द्वारा इन वाहनों को समय पर न देख पाने के कारण हादसों की घटनाएं सामने आईं।
AVAS यूरोपियन यूनियन, अमेरिका और जापान सहित कई देशों में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के लिए अनिवार्य है। अमेरिका के नेशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन ने सितंबर 2020 से बेचे जाने वाले सभी नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इस सिस्टम को अनिवार्य बना दिया है जबकि यूरोप ने यह नियम जुलाई 2019 में ही लागू कर दिया था।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों, खासकर दोपहिया और तिपहिया वाहनों तथा ई-रिक्शा के प्रवेश में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए अब इस नियम को लाने की आवश्यकता महसूस हुई है। इस मुद्दे पर CMVR-TSC की बैठकों में भी चर्चा हुई है जो देश की शीर्ष ऑटोमोटिव स्टैंडर्ड निर्माण संस्था है।
ड्राफ्ट AIS के अनुसार, वाहन चालक को आवश्यकता पड़ने पर AVAS को बंद करने का विकल्प भी दिया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि परामर्श प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस मानक को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यह अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा से जुड़ा मामला है, इसलिए सरकार को इसे अनिवार्य बनाना होगा।
आईआईटी दिल्ली के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अनूप चावला ने बताया कि वे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में AVAS की आवश्यकता पर एक अध्ययन कर रहे हैं। देश के शीर्ष ऑटोमोबाइल उद्योग संगठन SIAM ने भी इस अध्ययन के लिए आईआईटी दिल्ली से संपर्क किया था।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह कदम सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है। जानकारों का मानना है कि AVAS जैसे सिस्टम से न केवल पैदल यात्रियों बल्कि अन्य वाहन चालकों के लिए भी सड़क सुरक्षा में सुधार होगा।