
कोलकाता में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल की 94वीं वार्षिक आम बैठक सोमवार को संपन्न हुई। इस बैठक में सौरव गांगुली को संघ का नया अध्यक्ष चुना गया।
चुनाव अधिकारी सुशांत रंजन उपाध्याय ने गांगुली के अध्यक्ष पद की घोषणा की। उन्होंने नितिश रंजन दत्ता को उपाध्यक्ष और बबलू कोले को मानद सचिव नामित किया।
मदन मोहन घोष को संयुक्त सचिव और संजय दास को कोषाध्यक्ष बनाया गया। एपेक्स काउंसिल के सदस्यों के नाम भी घोषित किए गए।
गांगुली को कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं मिला जब उन्होंने नामांकन दाखिल किया था। इस कारण वे बिना चुनाव लड़े ही अध्यक्ष चुने गए।
यह गांगुली का दूसरा कार्यकाल है जब वे सीएबी अध्यक्ष बने हैं। इससे पहले वे 2015 से 2019 तक इस पद पर रह चुके हैं।
गांगुली ने अपने भाई स्नेहाशीष गांगुली की जगह ली है। स्नेहाशीष लगभग तीन साल तक अध्यक्ष पद पर रहे।
सीएबी की कमान संभालने से पहले गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने 2019 से 2022 तक यह जिम्मेदारी निभाई।
इस साल गांगुली को आईसीसी पुरुष क्रिकेट समिति का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया। वे पहली बार 2021 में इस पद पर आसीन हुए थे।
गांगुली ने एएनआई से बातचीत में कहा कि वे पहले भी पांच साल तक अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे जो सबसे अच्छा है वही करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में क्रिकेट का क्रेज बहुत है। यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उनका काम इस प्रतिभा को सही दिशा देना होगा।
अपने खेल के दिनों में गांगुली ने भारत के लिए 113 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने 42.17 के औसत से 7,212 रन बनाए।
टेस्ट क्रिकेट में वे भारत के सातवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने 16 शतक और 35 अर्धशतक लगाए।
वनडे क्रिकेट में गांगुली ने 311 मैच खेले। उन्होंने 41.02 के औसत से 11,363 रन बनाए। वे भारत के तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
गांगुली ने भारत की कप्तानी में 147 वनडे मैच खेले। उनकी टीम ने 76 मैच जीते और 66 में हार का सामना किया।
उनकी कप्तानी में भारत की जीत का प्रतिशत 51.70 रहा। यह उनके नेतृत्व कौशल का प्रमाण है।