
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की विधानसभा चुनावों से पहले हुए विशेष गहन संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई की तारीख तय कर दी है। यह सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी और इसमें चुनाव आयोग द्वारा किए गए SIR प्रक्रिया की वैधता पर विचार किया जाएगा।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमल्या बागची की पीठ ने पहले चुनाव आयोग के अनुरोध पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। आयोग का तर्क था कि मामले की सुनवाई 1 अक्टूरबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद ही होनी चाहिए।
अब चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया पूरी कर ली है। अंतिम मतदाता सूची में 7.43 करोड़ मतदाताओं के नाम दर्ज हैं।
इनमें 14 लाख पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाता भी शामिल हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और अन्य संगठनों ने SIR प्रक्रिया की कानूनी वैधता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने मतदाता अधिकारों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक कमियों का हवाला देते हुए अदालत से अंतिम सूची प्रकाशन से पहले मामले की सुनवाई करने का अनुरोध किया था।
हालांकि पीठ ने स्पष्ट किया कि अंतिम सूची का प्रकाशन न्यायिक समीक्षा में बाधा नहीं बनेगा। अदालत ने कहा कि अगर कोई गैरकानूनी बात सामने आती है तो सूची प्रकाशन के बाद भी हस्तक्षेप किया जा सकेगा।
कोर्ट ने पहले ही चुनाव आयोग को SIR प्रक्रिया के दौरान सत्यापन के लिए आधार को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का निर्देश दिया था। लेकिन पीठ ने जोर देकर कहा कि आधार को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता।
अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी जमा किए गए दस्तावेज वास्तविक हों और उनकी उचित जांच की गई हो।
पीठ ने कोई अंतरिम या खंडित आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि पूरी प्रक्रिया का संपूर्णता में परीक्षण किया जाएगा।
इस बीच चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे।
मतगणना 14 नवंबर को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगामी बिहार चुनावों को सबसे बड़े चुनाव करार दिया।
कुमार ने कहा कि चुनाव न केवल सहज और निष्पक्ष होंगे बल्कि ये अब तक के सबसे शांतिपूर्ण चुनाव होंगे। उन्होंने कानून व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।
इस साल के चुनाव SIR द्वारा शुद्ध की गई मतदाता सूची के बाद बिहार में होने वाले पहले बड़े चुनावी अभ्यास हैं।
यह चुनाव बिहार की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं।