
आगरा में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को गिरफ्तार किया गया है। उन पर कई महिला छात्राओं के यौन शोषण का आरोप लगाया गया था। अधिकारियों ने रविवार को इसकी पुष्टि की।
आरोपी पार्थ सारथी के नाम से भी जाने जाते हैं। वह दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के डायरेक्टर थे।
उन पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को निशाना बनाने का मामला दर्ज है। ये छात्राएं पोस्ट ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स में पढ़ रही थीं।
स्वामी 4 अगस्त को फरार हो गए थे। इससे कुछ ही समय पहले इंस्टीट्यूट को भारतीय वायु सेना मुख्यालय से शिकायत मिली थी।
जांचकर्ताओं के मुताबिक, चैतन्यानंद महिला छात्राओं को देर रात अपने कमरे में बुलाते थे। वह उन्हें फेल करने या ग्रेड कम करने की धमकी देते थे।
पुलिस ने अब तक संस्थान के तीन वार्डनों के बयान दर्ज किए हैं। इन तीनों पर आरोप है कि उन्होंने चैतन्यानंद की मदद की।
लगभग 50 महिला छात्राओं के फोन से व्हाट्सएप चैट हासिल हुई हैं। इनमें 16 साल तक के दुर्व्यवहार का विवरण मिला है।
सीसीटीवी फुटेज हटाने के भी आरोप लगे हैं। डीवीआर को फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में भेजा गया है।
17 महिलाओं ने अगस्त के शुरू में डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने दिल्ली बाबा पर छात्राओं को परेशान करने का आरोप लगाया।
अधिकारियों का कहना है कि चैतन्यानंद लगभग दो दशक से महिलाओं को निशाना बना रहे थे। वह 2009 और 2016 के मामलों से बच निकले थे।
इस बार यह घोटाला तब सामने आया जब 17 महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई। उस समय चैतन्यानंद लंदन में थे, लेकिन बाद में उनका पता आगरा लगा।
उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी। लेकिन जल्द ही उन्होंने यह अर्जी वापस ले ली।
विवाद तब और बढ़ गया जब पुलिस को चैतन्यानंद की लक्जरी रेड वोल्वो कार से कई नकली नंबर प्लेट मिले। सभी प्लेटों पर फर्जी संयुक्त राष्ट्र के चिह्न थे।
जांच में पुष्टि हुई कि कोई भी प्लेट संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी नहीं किया गया था। आरोपी ने खुद इन्हें बनवाया था। जांच के दौरान कार जब्त कर ली गई है।
यह मामला उच्च शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करता है। छात्राओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
पुलिस अब संस्थान के अन्य कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। और भी सबूत जुटाए जा रहे हैं ताकि मामले की गहराई तक पहुंचा जा सके।