
मुंबई, 14 जुलाई: भारतीय साइबर सिक्योरिटी कंपनी TAC इन्फोसेक लिमिटेड ने अपने ग्लोबल विस्तार के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने कनाडा में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ‘TAC सिक्योरिटी इंक (कनाडा)’ स्थापित करने की घोषणा की है। यह निर्णय उत्तरी अमेरिका में कंपनी की मौजूदगी को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पड़ाव है।
इस विस्तार के पीछे कई रणनीतिक कारण हैं। कनाडा की लेबर मार्केट अमेरिका के मुकाबले काफी किफायती है, जिससे TAC को स्थानीय टैलेंट को कॉम्पिटिटिव वेतन पर नियुक्त करने में मदद मिलेगी। साथ ही कनाडाई सरकार की वेज सब्सिडी योजना कर्मचारियों के वेतन का 50-80% तक कवर करती है, जो कंपनी के ऑपरेशनल खर्च को कम करेगी।
साइबर सिक्योरिटी मार्केट के आंकड़े देखें तो कनाडा का मार्केट 2024 में USD 14.05 बिलियन का है, जिसके 2030 तक USD 27.42 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है। पूरे उत्तरी अमेरिका में यह मार्केट 2024 में USD 86.94 बिलियन का है, जो 2030 तक USD 162.22 बिलियन तक बढ़ सकता है।
TAC इन्फोसेक के फाउंडर और CEO तृष्णित अरोड़ा के नेतृत्व में कंपनी लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रही है। कंपनी में अरोड़ा की 54% हिस्सेदारी है, जबकि निवेशक विजय केदिया के पास 14.6% शेयर हैं। अरोड़ा ने इस विस्तार को कंपनी की ग्लोबल पहुँच बढ़ाने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया।
FY24-25 में TAC इन्फोसेक ने 160% की राजस्व वृद्धि और 135% का मुनाफा दर्ज किया। Q1 FY26 में कंपनी ने 1,000 वैश्विक ग्राहकों का आँकड़ा पार किया है। इसके अलावा FY24-25 में कंपनी ने 3,000 क्लाइंट्स का टारगेट भी पूरा किया।
हाल ही में TAC सिक्योरिटी को लगातार तीसरे साल CREST पेनिट्रेशन टेस्टिंग लाइसेंस भी मिला है। कंपनी का लक्ष्य 2026 तक विश्व की सबसे बड़ी वल्नरेबिलिटी मैनेजमेंट कंपनी बनने का है, जिसके लिए वह 10,000 ग्लोबल कस्टमर्स तक पहुँचना चाहती है।
तृष्णित अरोड़ा को हाल में ग्रेट मैनेजर इंस्टीट्यूट द्वारा भारत के टॉप 50 CEOs में शामिल किया गया। उन्होंने अपने FY 2025-26 के वेतन INR 1.5 करोड़ का त्याग कर कंपनी के बैलेंस शीट में योगदान दिया। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को भी ESOPs आवंटित किए हैं।