
पटना, 17 जुलाई। बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बिहार में चल रहे विशेष गहन मतदाता सूची सुधार (एसआईआर) को लेकर आयोग पर बीजेपी के इशारे पर काम करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के आरोप लगाए।
पटना में पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि दिल्ली और पटना में चुनाव आयोग के साथ कई बैठकों के बावजूद, मुख्य चुनाव आयुक्त गणेश कुमार सहित अधिकारियों ने विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए सवालों को दरकिनार किया है।
उन्होंने कहा, “यह आयोग का सबसे बड़ा अभियान है, फिर भी एक बार भी राजनीतिक दलों को नहीं बुलाया गया। हमें लगता है कि कुछ गड़बड़ है।” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के निर्देश पर “लोकतंत्र को खत्म कर रहा है”।
तेजस्वी ने दावा किया कि मतदाता सूची से 35 लाख नाम हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले ‘सूत्रों’ से मिली रिपोर्ट के बाद आयोग ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति से इसकी पुष्टि की।
उन्होंने इन आंकड़ों के स्रोत पर सवाल उठाया और पारदर्शिता की मांग की। तेजस्वी ने कहा कि जब नाम हटाए जाते हैं, तो आयोग को जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हटाए गए लोगों का विवरण सार्वजनिक करना चाहिए।
उन्होंने जमीनी स्तर पर अनियमितताओं का भी आरोप लगाया। बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) कई जगहों पर नहीं पहुंच रहे हैं। फॉर्म बिना सत्यापन के ही भरकर अपलोड किए जा रहे हैं।
तेजस्वी ने दरभंगा जैसी जगहों पर बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में फॉर्म भरे जाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसी घटनाओं का वीडियो प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि ये कार्रवाइयां लोगों के अधिकारों के लिए खतरा हैं। मतदाता पंजीकरण से जुड़े राशन, पेंशन और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी प्रभावित होता है।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग उचित प्रक्रिया के बिना नाम हटाकर लोगों के अस्तित्व को मिटा रहा है। इससे न केवल मतदान का अधिकार बल्कि सरकारी योजनाओं में पात्रता भी प्रभावित होती है।
आरजेडी नेता ने कहा कि वे इस मुद्दे को हर मंच पर उठाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर दिल्ली में होने वाली आगामी इंडिया गठबंधन की बैठक में भी इस पर चर्चा होगी। देश भर की राजनीतिक पार्टियों को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया जाएगा।