
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर दावा किया है कि उनके हस्तक्षेप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने में मदद की। उन्होंने आर्थिक दबाव के रणनीतिक उपयोग को इसका श्रेय दिया।
व्हाइट हाउस से बोलते हुए ट्रम्प ने कहा कि उनकी नीतियों ने न केवल अमेरिकी राजस्व बढ़ाया बल्कि वैश्विक शांति भी कायम रखी।
उन्होंने दावा किया, ‘अगर मेरे पास टैरिफ की शक्ति नहीं होती, तो कम से कम चार युद्ध चल रहे होते। भारत और पाकिस्तान लड़ने के लिए तैयार थे। सात विमान मार गिराए गए थे।’
ट्रम्प का मानना है कि उनकी टैरिफ नीति ने दोनों देशों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने कहा, ‘मैं वह सब कुछ नहीं कहना चाहता जो मैंने कहा, लेकिन मेरी बातें बहुत प्रभावी थीं। हमने न सैकड़ों अरबों डॉलर कमाए, बल्कि टैरिफ की वजह से शांतिदूत भी बने।’
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव मई में चरम पर पहुंच गया था। भारत ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था।
यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में की गई थी, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई थी।
10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की। भारत ने इसे द्विपक्षीय निर्णय बताया और कहा कि इसमें किसी बाहरी हस्तक्षेप की भूमिका नहीं थी।
लेकिन ट्रम्प लगातार इस स्थिति को शांत करने का श्रेय ले रहे हैं। पिछले हफ्ते उन्होंने कहा था कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से फोन पर बात की थी।
उन्होंने दावा किया, ‘मैंने कहा कि अगर तुमने ऐसा किया तो कोई व्यापार नहीं होगा, और मैंने युद्ध रोक दिया। यह चार दिनों तक चल रहा था।’
ट्रम्प ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल आसिम मुनिर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल की मुलाकात में उनकी भूमिका की सराहना की।
उन्होंने बताया, ‘मुनिर ने लोगों के एक समूह से कहा कि इस व्यक्ति ने लाखों लोगों की जान बचाई क्योंकि उन्होंने युद्ध को आगे बढ़ने से रोका।’
ट्रम्प के इन बयानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा तो शुरू कर दी है, लेकिन भारत का रुख स्पष्ट है।
भारत लगातार कहता आया है कि युद्धविराम का निर्णय द्विपक्षीय था और इसमें किसी बाहरी मध्यस्थता की भूमिका नहीं रही।
इस पूरे मामले ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अमेरिकी भूमिका पर नए सिरे से बहस शुरू कर दी है।
दोनों देशों के बीच संबंधों में अभी भी तनाव बना हुआ है, लेकिन युद्धविराम कायम है।




