
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ को भव्य तरीके से मनाने की तैयारी कर रही है। इस मौके पर राज्य सरकार ने कई आयोजनों की घोषणा की है, जिसमें क्रिएटिव राइटिंग प्रतियोगिता और तिरंगा मेला शामिल है।
9 अगस्त 1925 को काकोरी में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूटा था। इस पैसे का उपयोग उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के लिए हथियार खरीदने में किया था।
इस घटना में शामिल होने के लिए 1927 में राम प्रसाद ‘बिस्मिल’, अशफाकउल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह को फांसी दे दी गई थी।
सरकार के संस्कृति विभाग ने इस दिन को यादगार बनाने के लिए प्रभात फेरी, मोटरसाइकल रैली, स्वतंत्रता आंदोलन की प्रदर्शनी और पौधरोपण अभियान जैसे कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की है।
8 अगस्त को राज्य के विभिन्न शहीद स्मारकों पर राष्ट्रगान का वाद्य संस्करण बजाया जाएगा।
काकोरी के विभिन्न स्कूलों के करीब 300 छात्र सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इन आयोजनों का हिस्सा बन सकते हैं।
लखनऊ के डिविजनल कमिश्नर रोशन जैकब ने बाजनगर स्थित काकोरी स्मृति स्थल पर तैयारियों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
13 जुलाई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि काकोरी ट्रेन लूट की शताब्दी वर्ष को लखनऊ में भव्य तरीके से मनाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि लखनऊ का इस ऐतिहासिक घटना के साथ गहरा संबंध है।
अगस्त 1925 में लखनऊ के पास एक रेलवे स्टेशन पर हुई इस घटना ने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी थी। काकोरी रेलवे स्टेशन के पास स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों का खजाना लूट लिया था।
इस घटना में राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और सचीन नाथ बख्शी शामिल थे। काकोरी केस की सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंद्र भानु गुप्ता ने मशहूर वकील गोविंद बल्लभ पंत के साथ मिलकर स्वतंत्रता सेनानियों के पक्ष में कोर्ट में पैरवी की थी।