
लखनऊ की डॉ. कामिनी सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा लेकर एक अनोखी पहल शुरू की है। उन्होंने महिला किसानों को एकजुट कर ‘मोरिंगा आर्मी’ का गठन किया, जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान खींचा।
इस मोरिंगा आर्मी ने राज्य भर की महिला किसानों को सशक्त बनाया है। यह पहल आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी इस सफलता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने डॉ. कामिनी को दिल्ली आमंत्रित किया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर मोरिंगा की खेती के बारे में विस्तार से जाना।
डॉ. कामिनी सिंह ने एक एफपीओ के माध्यम से हज़ार से अधिक महिला किसानों को जोड़ा। उन्होंने इन महिलाओं को मोरिंगा यानी सहजन की खेती के लिए प्रेरित किया और मूल्यवर्धित उत्पादों के ज़रिए बाज़ार तक पहुंच सुनिश्चित की।
आज एफपीओ के अधिकांश सदस्य महिलाएं हैं जो न केवल खेती बल्कि प्रसंस्करण और पैकेजिंग का काम भी संभाल रही हैं। ये महिलाएं मोरिंगा की पत्तियों, बीजों और छाल से विभिन्न उत्पाद तैयार कर रही हैं।
इन महिलाओं के अथक प्रयासों का नतीजा है कि वे अब एक दर्जन से अधिक मोरिंगा आधारित उत्पाद बना रही हैं। डॉक्टर मोरिंगा ब्रांड के तहत वे मोरिंगा पाउडर, टैबलेट, चाय, हस्तनिर्मित साबुन, बीज का तेल, बिस्कुट और लोकप्रिय मोरिंगा लड्डू तैयार कर रही हैं।
ये सभी उत्पाद न केवल ऑफलाइन बाजारों में उपलब्ध हैं बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है। ग्राहकों द्वारा इन उत्पादों की गुणवत्ता की सराहना की जा रही है।
पूरी परियोजना कृषि अवसंरचना कोष योजना के तहत संचालित हो रही है। इसके अंतर्गत एफपीओ ने एक प्राथमिक प्रसंस्करण इकाई स्थापित की है जहां मोरिंगा से विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाते हैं।
इस पहल ने स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर पैदा किए हैं। ग्रामीण महिलाओं की आय में कई गुना वृद्धि हुई है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरे राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह समूह उसी दृष्टि का एक शक्तिशाली उदाहरण है।
आज ये महिलाएं न केवल अपनी आजीविका कमा रही हैं बल्कि प्रशिक्षण और कौशल देकर दूसरों के लिए रोज़गार के अवसर भी पैदा कर रही हैं। वे अन्य महिलाओं को मोरिंगा की खेती और उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण दे रही हैं।
इस पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम की है। महिलाएं अब खेती और उद्यमिता के क्षेत्र में नई पहचान बना रही हैं।
मोरिंगा की खेती ने न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया है। यह पौधा पोषण से भरपूर होने के साथ-साथ जलवायु अनुकूल भी है।
डॉ. कामिनी सिंह की इस पहल ने साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और समर्थन से ग्रामीण महिलाएं बड़े बदलाव ला सकती हैं। उनकी यह सफलता देश भर के लिए प्रेरणादायक है।