
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करवा चौथ के पावन अवसर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। राज्य में सरकारी, गैर-सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।
यह निर्णय राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान में साझा किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएं भी दी हैं।
करवा चौथ का त्योहार देश भर में हिंदू विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस दिन पत्नियां अपने पतियों की लंबी उम्र और कुशलता के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
व्रत का समापन चंद्रमा के दर्शन के बाद ही किया जाता है। चंद्रमा की दृष्टि इस रीति-रिवाज में विशेष महत्व रखती है।
मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संदेश में कहा कि यह त्योहार नारी शक्ति के प्रेम, त्याग और अटूट विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने सभी महिलाओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
यह अवकाश हमारी मातृ शक्ति के समर्पण और प्रेम को समर्पित है। यह सम्मान का प्रतीक है जो उन्हें इस विशेष दिन को पूरी भक्ति और भावनात्मक एकाग्रता के साथ मनाने का अवसर देता है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि यह छुट्टी काम की जिम्मेदारियों की चिंता के बिना परिवार के साथ त्योहार मनाने में सहायक होगी।
इस बीच, मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की। इस मुलाकात में राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने जीएसटी सुधारों के सफल क्रियान्वयन पर वित्त मंत्री को बधाई दी। उन्होंने वित्त मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड को दिए जा रहे निरंतर समर्थन के लिए आभार भी व्यक्त किया।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के 10 सबसे अधिक वर्षा प्रभावित जिलों में तूफानी जल निकासी प्रणालियों के उन्नयन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 8,589.47 करोड़ रुपये है।
यह निर्णय राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। त्योहारों के दौरान कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
करवा चौथ का त्योहार सांस्कृतिक विरासत और पारिवारिक मूल्यों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अवकाश महिलाओं को अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को पूरी निष्ठा से निभाने का अवसर प्रदान करेगा।
राज्य सरकार का यह कदम सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। यह निर्णय समाज में महिलाओं के महत्व को रेखांकित करता है।
महिला कर्मचारियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। वे इस अवकाश का उपयोग अपने परिवार के साथ त्योहार की खुशियां बांटने में करेंगी।
यह घोषणा राज्य में महिला-केंद्रित नीतियों की एक और कड़ी है। उत्तराखंड सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है।