
नई दिल्ली में संसद के शीतकालीन सत्र में दो महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 दिसंबर को लोकसभा में राष्ट्रगीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर बहस की शुरुआत करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह 9 दिसंबर को राज्यसभा में इसी विषय पर चर्चा प्रारंभ करेंगे।
लोकसभा में यह दिन भर चलने वाली बहस होगी जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई अन्य मंत्री भी हिस्सा लेंगे। सूत्रों के अनुसार लोकसभा बहस में अंतिम वक्ता शासी दल भाजपा का कोई सदस्य होगा।
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह के बाद सदन के नेता जे पी नड्डा भी इस चर्चा में भाग लेंगे। यह बहस देश के लिए प्रेरणा के प्रतीक इस गीत के महत्व को रेखांकित करेगी।
इसके साथ ही संसद में चुनाव सुधारों पर भी व्यापक बहस होगी। लोकसभा में यह चर्चा 9 और 10 दिसंबर को होने की संभावना है जबकि राज्यसभा में 10 और 11 दिसंबर को इस पर विचार होगा।
सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि चुनाव सुधार पर बहस केवल विशेष गहन संशोधन तक सीमित नहीं रहेगी। यह चर्चा इस विस्तृत विषय के सभी पहलुओं को कवर करेगी और व्यापक दृष्टिकोण अपनाएगी।
इन दोनों विषयों पर बहस आयोजित करने का निर्णय अखिल दल बैठक और संबंधित सदन की कार्य सलाहकार समिति की बैठकों के बाद लिया गया है। इससे दोनों सदनों में चल रहा गतिरोध समाप्त हुआ है।
विपक्ष का विशेष गहन संशोधन पर चर्चा करने का आग्रह पिछले कुछ दिनों से सदन के कार्य में बाधा बना हुआ था। 1 दिसंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले दो दिनों की कार्यवाही विपक्ष के विरोध के कारण स्थगित करनी पड़ी थी।
पिछला सत्र भी लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया था जब विपक्ष ने बिहार में हो रहे विशेष गहन संशोधन पर बहस की मांग की थी। अब सभी दलों के बीच हुई सहमति से सदन का कामकाज फिर से शुरू होगा।
चुनाव आयोग ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुदुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में विशेष गहन संशोधन की घोषणा की है।
इनमें से तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने हैं। असम में भी 2026 में चुनाव होने हैं लेकिन वहां मतदाता सूची के संशोधन की अलग से घोषणा की गई है जिसे विशेष संशोधन कहा जा रहा है।
इस विशाल मतदाता सूची सफाई अभियान में लगभग 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। विशेष गहन संशोधन का प्राथमिक उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों को उनके जन्म स्थान की जांच करके बाहर करना है।
यह कदम बांग्लादेश और म्यांमार सहित विभिन्न राज्यों में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के मद्देनजर महत्वपूर्ण है। मतदाता सूचियों की शुद्धता से चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रव्यापी समारोह आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 1 अक्टूबर को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन राष्ट्रव्यापी उत्सवों को मंजूरी दी गई थी।
इन समारोहों का उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं और छात्रों को इस गीत के ऐतिहासिक महत्व से अवगत कराना है। देश भर में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसकी जानकारी फैलाई जाएगी।
संस्कृत में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत भारत के स्वतंत्रता संग्राम में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। इसका दर्जा जन गण मन के बराबर है और यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
संसद में होने वाली ये बहसें देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। दोनों सदनों में सभी दलों के सदस्य अपने विचार रखेंगे और राष्ट्रहित में चर्चा करेंगे।









