Vastu tips for bathroom बाथरूम के लिए वास्तु टिप्स: सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का प्रवेश द्वार

Vastu bathroom
हमारे घर का हर कोना, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, वास्तु शास्त्र के अनुसार महत्वपूर्ण होता है। बाथरूम, जिसे अक्सर कम महत्व दिया जाता है, वास्तव में हमारे घर की ऊर्जा प्रवाह में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तु के सिद्धांतों का पालन करके, हम अपने बाथरूम को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं।
1. सही दिशा का चुनाव (Right Direction):
- उत्तरी-पश्चिमी दिशा (North-West Direction) सबसे शुभ: बाथरूम के लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तरी-पश्चिमी (उत्तर-पश्चिम) है। यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर निकालने में मदद करती है।
- दक्षिण-पूर्वी दिशा (South-East Direction) से बचें: दक्षिण-पूर्वी (दक्षिण-पूर्व) दिशा में बाथरूम बनवाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह अग्नि कोण है और यहां बाथरूम होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या धन की हानि हो सकती है।
- उत्तर-पूर्वी दिशा (North-East Direction) से पूरी तरह बचें: उत्तर-पूर्वी (उत्तर-पूर्व) दिशा, जिसे ईशान कोण भी कहते हैं, पूजा स्थल या ध्यान के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। यहां बाथरूम बनवाना गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और धन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
2. शौचालय की स्थिति (Toilet Placement):
- पश्चिम या दक्षिण दिशा (West or South Direction): शौचालय की सीट को ऐसी स्थिति में रखना चाहिए कि उपयोग करने वाला व्यक्ति पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठे। यह नकारात्मक ऊर्जा के निकास में मदद करता है।
- दीवार से सटा हुआ नहीं: शौचालय की सीट को दीवार से बिल्कुल सटा हुआ नहीं रखना चाहिए, बल्कि थोड़ा सा गैप होना चाहिए।
3. पानी का बहाव (Water Flow):
- उत्तरी या पूर्वी दिशा (North or East Direction): बाथरूम में पानी का निकास उत्तरी या पूर्वी दिशा में होना चाहिए। यह सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
- नल और शावर: नल और शावर भी उत्तरी या पूर्वी दीवार पर होने चाहिए।
4. रंगों का चुनाव (Color Selection):
- हल्के रंग (Light Colors): बाथरूम के लिए हल्के रंग जैसे सफेद, क्रीम, हल्के भूरे या हल्के नीले रंग का चुनाव करना चाहिए। ये रंग शांति और स्वच्छता का प्रतीक होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं।
- गहरे रंगों से बचें: काले, गहरे लाल या गहरे नीले जैसे गहरे रंगों से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।
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5. दर्पण की स्थिति (Mirror Placement):
- पूर्वी या उत्तरी दीवार (East or North Wall): बाथरूम में दर्पण को हमेशा पूर्वी या उत्तरी दीवार पर लगाना चाहिए। यह ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है।
- शौचालय के सामने नहीं: दर्पण को शौचालय के सामने नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को प्रतिबिंबित कर सकता है।
6. खिड़की और वेंटिलेशन (Window and Ventilation):
- पूर्वी या उत्तरी दिशा (East or North Direction): बाथरूम में खिड़की पूर्वी या उत्तरी दिशा में होनी चाहिए, ताकि ताजी हवा और प्राकृतिक प्रकाश का प्रवेश हो सके।
- उचित वेंटिलेशन: बाथरूम में उचित वेंटिलेशन होना बहुत जरूरी है, ताकि नकारात्मक ऊर्जा और नमी बाहर निकल सके। एग्जॉस्ट फैन लगाना एक अच्छा विचार है।
7. स्वच्छता और व्यवस्था (Cleanliness and Orderliness):
- हमेशा साफ रखें: बाथरूम को हमेशा साफ और सूखा रखना चाहिए। गंदा या अव्यवस्थित बाथरूम नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- दरवाजा बंद रखें: उपयोग में न होने पर बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें। यह नकारात्मक ऊर्जा को घर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोकता है।
- टूट-फूट की मरम्मत: बाथरूम में किसी भी तरह की टूट-फूट, जैसे टपकते नल या टूटे हुए टाइल्स, की तुरंत मरम्मत करवाएं।
8. बिजली के उपकरण (Electrical Appliances):
- दक्षिण-पूर्वी दिशा (South-East Direction): गीजर या हीटर जैसे बिजली के उपकरण बाथरूम की दक्षिण-पूर्वी दिशा में रखने चाहिए, क्योंकि यह अग्नि कोण है।
अतिरिक्त टिप्स:
- बाथरूम में कभी भी मंदिर या देवी-देवताओं की तस्वीरें न रखें।
- बाथरूम में कोई भी अनावश्यक सामान न रखें, जिससे अव्यवस्था फैले।
- खुशबूदार मोमबत्तियों या एयर फ्रेशनर का उपयोग करके बाथरूम को महकदार रखें।
इन सरल वास्तु टिप्स का पालन करके, आप अपने बाथरूम को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बना सकते हैं, जो आपके और आपके परिवार के लिए सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि लाएगा। याद रखें, एक संतुलित और सकारात्मक घर ही खुशहाल जीवन की नींव है।