Vastu Tips for Puja room -पूजा घर का वास्तु सही स्थान से बढ़ती है शांति

Pooja room Vastu
पूजा घर घर की आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना गया है। यहां की शुद्धता, दिशा और शांत वातावरण घर में मानसिक शांति और सकारात्मकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में स्थापित करना सबसे शुभ माना गया है।
यह दिशा देवताओं की दिशा है और यहां स्थापित मंदिर व्यक्ति के मन और जीवन में स्थिरता, शांति और प्रगति लाता है।
पूजा घर कहाँ नहीं बनाना चाहिए:
• शयनकक्ष में (विशेषकर बिस्तर के सामने)
• रसोई घर में
• बाथरूम के पास
• सीढ़ियों के नीचे
देवताओं की मूर्तियों का आकार और संख्या:
• मूर्तियाँ छोटी और आंखों के स्तर पर हों।
• बड़ी और भारी मूर्तियों से ऊर्जा में रुकावट आती है।
• एक ही देवता की कई मूर्तियाँ रखना उचित नहीं है।
ध्यान देने योग्य बातें:
• पूजा घर में रोशनी स्थिर और शांत हो।
• यहाँ हमेशा स्वच्छता बनाए रखें।
• धूप, कपूर और शंख की ध्वनि सकारात्मक तरंग बढ़ाती है।
लाभ:
• तनाव में कमी
• निर्णय लेने की शक्ति में सुधार
• परिवार में स्नेह और समरसता
• घर में देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है












