Weather forcast heatwave and Monsoon IMD

North India Heatwave
उत्तर भारत में भीषण गर्मी:
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी यूपी और जम्मू-कश्मीर में 10 से 13 जून तक गंभीर लू (Severe Heat Wave) की चेतावनी।
लाल चेतावनी का अर्थ “कार्यवाही करें” है, न कि “अलर्ट” जैसा कि आमतौर पर समझा जाता है।
अधिकतम तापमान पूर्वानुमान:
उत्तर-पश्चिम भारत में अगले 5 दिनों तक कोई खास बदलाव नहीं, उसके बाद 2-3°C की गिरावट।
पूर्वी और मध्य भारत में भी अगले 2-3 दिनों तक स्थिर तापमान रहेगा, फिर थोड़ी गिरावट संभव।
भारी वर्षा और तटीय क्षेत्रों के लिए चेतावनी:
दक्षिण भारत:
केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में अगले 7 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश, कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा की संभावना।
12 से 15 जून के बीच कोस्टल कर्नाटक और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में अत्यधिक भारी वर्षा (Extremely Heavy Rainfall)।
पश्चिम भारत:
कोकण, गोवा, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में 13-15 जून तक तेज आंधी और भारी वर्षा।
कोकण और गोवा में 13 और 14 जून को अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी।
पूर्व और मध्य भारत:
ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, विदर्भ में अगले कुछ दिनों तक आंधी-तूफान और गरज के साथ बारिश।
11 और 12 जून को बिहार, छत्तीसगढ़ में तेज़ आंधी (Thundersquall) के आसार।
उत्तर भारत का पूर्वानुमान:
11 से 15 जून के बीच उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में हल्की बारिश और गरज के साथ बारिश की संभावना।
12-15 जून के बीच उत्तराखंड में भारी वर्षा संभावित।
उत्तर-पूर्व भारत:
असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में अगले 7 दिन तक बारिश जारी रहेगी।
10 से 15 जून तक कुछ इलाकों में भारी वर्षा की चेतावनी।
लू (Heat Wave) की स्थिति ने कई राज्यों में गंभीर रूप ले लिया है। लाल चेतावनी वाले क्षेत्रों में सभी उम्र के लोगों को हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का गंभीर खतरा है। वहीं, नारंगी चेतावनी वाले इलाकों में विशेष रूप से उन लोगों के लिए जोखिम है जो लंबे समय तक धूप में रहते हैं या भारी श्रम करते हैं। ऐसे में, जरूरी है कि लोग पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ORS, नींबू पानी, छाछ जैसे तरल पदार्थों का सेवन करें। हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें और विशेष रूप से दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचें।
भारी वर्षा के कारण शहरी इलाकों में जलभराव, सड़कों पर ट्रैफिक जाम और निचले क्षेत्रों में पानी भरने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों और बागवानी को नुकसान, मिट्टी कटाव और भूस्खलन की भी संभावना जताई गई है। इससे बचाव के लिए नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे लगातार मौसम अपडेट पर नजर रखें, प्रशासन द्वारा जारी ट्रैफिक सलाह का पालन करें, और उन क्षेत्रों में न जाएं जहां अक्सर जलभराव होता है। किसानों को चाहिए कि वे फसलों की सुरक्षा के लिए जल निकासी की व्यवस्था करें और यदि संभव हो तो कटाई के बाद की उपज को तिरपाल या प्लास्टिक शीट से ढक कर रखें।
कृषक भाइयों को सलाह दी जाती है कि कटाई की गई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करें या उन्हें तिरपाल से अच्छी तरह ढक दें। बगीचों और सब्जियों को तेज हवा से बचाने के लिए सहारा और रस्सी से बांधने की व्यवस्था करें। पशुओं को छायादार स्थानों में रखें और उन्हें स्वच्छ, ठंडा व ताजा पानी नियमित रूप से पिलाते रहें। मुर्गीपालन फार्म की छतों को घास या थर्मल शेड से ढक कर गर्मी का प्रभाव कम करें और चारे को सुरक्षित स्थान पर संग्रहित करें।
मानसून की उत्तरी सीमा अब मुंबई, अदिलाबाद, पुरी, संडहेड आइलैंड, बलुरघाट और नेपाल सीमा तक पहुँच चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार, 15 से 17 जून के बीच मानसून उत्तर और मध्य भारत की ओर और तेजी से बढ़ने वाला है, जिससे आने वाले हफ्तों में तापमान में गिरावट और गर्मी से राहत मिलने की संभावना है।