
W.Mulder
नई दिल्ली: क्रिकेट इतिहास में एक अद्भुत पल तब देखने को मिला जब दक्षिण अफ्रीका के कप्तान वियान मुल्डर ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 367 रन बनाने के बाद लंच ब्रेक पर पारी घोषित कर दी। यह फैसला इसलिए चौंकाने वाला था क्योंकि मुल्डर सिर्फ़ 33 रन दूर थे 400 रन के ऐतिहासिक आंकड़े से, जो क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में सिर्फ़ ब्रायन लारा ने ही बनाया है।
मैच के बाद मुल्डर ने इस फैसले पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर लारा के रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहा। उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि हमारे पास पर्याप्त रन हैं और अब गेंदबाज़ी करनी चाहिए। दूसरा, ब्रायन लारा एक किंवदंती हैं, यह सच है। इंग्लैंड के खिलाफ उनके 401 रन का रिकॉर्ड बेहद ख़ास है। अगर मुझे दोबारा मौका मिलेगा, तो शायद मैं फिर वही करूंगा।”
मुल्डर ने यह भी बताया कि उन्होंने कोच शुकरी कॉनराड से भी सलाह ली थी। उन्होंने कहा, “कोच ने मुझसे कहा, ‘सुनो, बड़े रिकॉर्ड्स को लीजेंड्स के लिए छोड़ दो।’ किस्मत में क्या लिखा है कोई नहीं जनता, लेकिन मेरा मानना है कि ब्रायन लारा का रिकॉर्ड बना रहना चाहिए।”
29 साल के वियान मुल्डर पहली बार दक्षिण अफ्रीका की टीम की कप्तानी कर रहे हैं और इस पारी में उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े। 367 रन टेस्ट क्रिकेट इतिहास का पांचवां सबसे बड़ा स्कोर है और विदेशी धरती पर बना सबसे बड़ा स्कोर भी। फिर भी, उन्होंने 400 रन तक जाने का फैसला नहीं किया।
इस फैसले से क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ का मानना है कि रिकॉर्ड तोड़ने के मौके को खेल की भावना से ज़्यादा महत्व दिया जाना चाहिए, तो कुछ मुल्डर के इस निर्णय को खेल भावना की जीत मान रहे हैं।
ब्रायन लारा का 400 रन का रिकॉर्ड अभी भी अक्षुण्ण है और ऐसा लगता है कि कम से कम कुछ समय के लिए ऐसा ही बना रहेगा। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स टीम की जीत से ज़्यादा महत्वपूर्ण होने चाहिए। क्रिकेट की इस लंबी दौड़ में ऐसे क्षण ही खेल को और भी दिलचस्प बना देते हैं।