
भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को वैश्विक और घरेलू निवेशकों का जबरदस्त समर्थन मिला है। विश्व खाद्य भारत 2025 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों का कुल मूल्य 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
भारत मंडपम में आयोजित इस कार्यक्रम ने भारत की निवेश के लिए तैयार छवि को मजबूत किया। इसमें technology, sustainability और अंतरराष्ट्रीय trade पर कई सौदे और चर्चाएं हुईं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने घोषणा की कि केवल दूसरे दिन 21 कंपनियों ने 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। यह राशि पहले दिन के निवेश के साथ मिलकर कुल मूल्य को 1 लाख करोड़ के पार ले गई।
निवेश में यह वृद्धि खाद्य मूल्य श्रृंखला में पर्याप्त क्षमता निर्माण में मदद करेगी। इससे भारत को केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने से आगे बढ़कर पोषण सुरक्षा हासिल करने में मदद मिलेगी।
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ज्ञान के उत्पादक आदान-प्रदान और रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां देखने को मिलीं। 25 से अधिक सत्रों में हितधारकों ने भाग लिया, जिनमें पारंपरिक प्रसंस्करण से परे विषय शामिल थे।
इनमें पेट फूड, न्यूट्रास्यूटिकल्स, विशेष खाद्य पदार्थ, अल्कोहलिक पेय और प्लांट बेस्ड फूड्स जैसे विषयों पर चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, झारखंड और बिहार जैसे फोकस राज्यों ने अपनी क्षमता प्रदर्शित की।
न्यूजीलैंड, वियतनाम, जापान और रूस जैसे साथी देशों के साथ उच्च स्तरीय सत्र भी आयोजित किए गए। रूस और पुर्तगाल के अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सरकारों के बीच महत्वपूर्ण बैठकें हुईं।
इन बैठकों का उद्देश्य कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग बढ़ाना था। भारत को वैश्विक खाद्य टोकरी बनाने के लक्ष्य का समर्थन दो महत्वपूर्ण समानांतर अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों ने किया।
एफएसएसएआई द्वारा आयोजित ग्लोबल फूड रेगुलेटर्स समिट ने वैश्विक नियामकों को एक मंच पर लाया। इस मंच पर खाद्य सुरक्षा मानकों को संरेखित करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाने पर चर्चा हुई।
सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो ने भारत के समुद्री भोजन निर्यात में वृद्धि को उजागर किया। इस कार्यक्रम ने महत्वपूर्ण वैश्विक बाजार कनेक्शन बनाने में मदद की।
शिखर सम्मेलन ने सभी उद्योग हितधारकों से नवाचार में निवेश करने का आह्वान किया। technology transfer और ज्ञान साझा करने पर एक साथ काम करने पर जोर दिया गया।
इससे भारत की वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के अनुकूल गंतव्य के रूप में स्थिति मजबूत हुई है। विश्व खाद्य भारत 2025 ने देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं।
यह शिखर सम्मेलन भारत के खाद्य क्षेत्र में वैश्विक सहयोग के नए युग की शुरुआत साबित होगा।