
झारखंड में मॉनसून का आगाज हो चुका है, और इस बार यह 17 जून को राज्य के 24 में से 18 जिलों तक पहुंच गया। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह बारिश कृषि के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जिससे राज्य में काफी राहत मिलेगी। इस मौसमी वर्षा नेLatehar, Hazaribag और Koderma के कुछ हिस्सों को भी कवर कर लिया है।
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक, अभिषेक आनंद ने बताया कि अगले एक या दो दिनों में झारखंड के बचे हुए जिलों जैसे Garhwa, Palamu और Chatra में भी बारिश के आने की संभावना है।
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, जामताड़ा और दुमका के जिलों के लिए 18 जून को भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, 19 जून को Koderma, Hazaribag, Giridih, Bokaro, Ramgarh और Ranchi के लिए भी ऐसा ही अलर्ट जारी किया गया है।
रेड वॉर्निंग का मतलब है कि मौसम की स्थिति अत्यधिक गंभीर है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकती है और दैनिक गतिविधियों में विघ्न डाल सकती है। ऐसे में तुरंत सुरक्षा उपाय करना जरूरी है।
अधिकारियों का कहना है कि झारखंड में 20 जून तक व्यापक वर्षा की संभावना है, जिसमें राज्य के कई हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होगी। मौसम विभाग ने लोगों और संबंधित अधिकारियों को इस गंभीर मौसम स्थिति का सामना करने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है।
इस साल झारखंड में मॉनसून का आगमन आमतौर पर निर्धारित समय से छह दिन देर से हुआ है, जबकि केरला में यह 24 मई को एक सप्ताह पहले ही पहुंच चुका था। झारखंड में आमतौर पर मॉनसून की शुरुआत 10 जून को होती है। 2010 के बाद से, झारखंड में मॉनसून का आगमन 12 से 25 जून के बीच होता रहा है।
इस वर्ष 1 जून से 17 जून तक झारखंड में 52 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है। इस अवधि में राज्य ने 31.9 मिमी वर्षा प्राप्त की है, जबकि सामान्य वर्षा 67 मिमी होनी चाहिए थी।
रामगढ़ में 95 प्रतिशत वर्षा की कमी पाई गई, जबकि चतरा में 92 प्रतिशत कमी देखी गई। मौसम विभाग के अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर तक की वर्षा को मॉनसून की बारिश माना जाता है।
अभिषेक आनंद ने बताया कि 20 जून तक होने वाली अपेक्षित बारिश राज्य में वर्षा के अंतर को कम कर सकती है। सामान्य तौर पर, मॉनसून के चार महीनों के दौरान सामान्य वर्षा की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा वर्षा में 19 प्रतिशत की भिन्नता को सामान्य माना जाता है।
सोमवार शाम से हल्की से मध्यम बारिश के चलते मौसम की उमस से राहत मिली है। पिछले वर्ष झारखंड में सामान्य वर्षा हुई थी। 2023 में राज्य सरकार ने 17 जिलों के 158 ब्लॉकों को सूखा प्रभावित घोषित किया था, जबकि 2022 में 260 में से 226 ब्लॉकों को इसी कारण से सूखा ग्रस्त घोषित किया गया था।
इस प्रकार, झारखंड में मॉनसून की शुरुआत ने न केवल मौसम को तरोताजा किया है, बल्कि कृषि के लिए भी एक नई उम्मीद बंधाई है। हमें इस बारिश का भरपूर लाभ उठाने की आवश्यकता है ताकि किसान और आम जनता, दोनों ही इसका अधिकतम लाभ उठा सकें।