
नई दिल्ली, 18 जून (पीटीआई) में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव को बिहार में ‘महागठबंधन’ का चेहरा माना जा रहा है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने यह कहा कि यदि महागठबंधन बिहार विधानसभा चुनावों में जीतता है, तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे।
दीपांकर भट्टाचार्य ने पीटीआई से एक साक्षात्कार में बताया कि उनकी पार्टी ने पिछले चुनावों में जिन 19 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 12 सीटें जीती थीं। इस बार वे 40-45 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
इस बीच, जब भट्टाचार्य से पूछा गया कि उनकी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, तो उन्होंने बताया कि पिछली विधानसभा चुनावों से यह धारणा बन गई है कि यदि CPI(ML) को अधिक सीटें दी जातीं, तो महागठबंधन सत्ता में होता। उन्होंने कहा, “कांग्रेस को 70 सीटें मिली थीं, लेकिन उसने 19 जीती। हम 19 सीटों पर लड़े और 12 जीती। लोकसभा चुनाव में हमें तीन सीटें मिलीं और हम दो जीत गए।”
भट्टाचार्य ने कहा कि जिन क्षेत्रों में CPI(ML) की मजबूत उपस्थिति थी, वहां आरजेडी और कांग्रेस ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।
अगली विधानसभा चुनाव में CPI(ML) की उम्मीदवारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “पिछली बार हमने केवल 12 सीटों पर चुनाव लड़ा। हमें यकीन है कि अब CPI(ML) 24-25 जिलों में बहुत मजबूत उपस्थिति बना चुकी है और यदि हम इन सीटों पर चुनाव लड़ते हैं, तो इसके परिणामों में अंतर आएगा। इस बार हमें अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस के समान सीटों की उम्मीद करते हैं, तो उन्होंने कहा, “सभी जानते हैं कि कांग्रेस बिहार में मजबूत आधार नहीं रखती, लेकिन कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और देश की मुख्य विपक्षी पार्टी है। इसका एक अलग पहचान है। CPI(ML) बिहार में अपनी जड़ से जुड़ी हुई पार्टी है। हम चाहते हैं कि महागठबंधन में सभी पार्टियों की ताकत का सही तरीके से उपयोग किया जाए।”
तेजस्वी यादव की तस्वीर चुनाव से पहले घोषित करने पर भट्टाचार्य ने कहा, “तेजस्वी का चेहरा लोगों के लिए पहले ही घोषित है। घोषित और अघोषित में कोई फर्क नहीं है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर महागठबंधन चुनाव में जीतता है, तो तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री होंगे।
भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार शायद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का चेहरा होंगे और कहा, “नीतीश बीजेपी के लिए मजबूरी हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर नीतीश मजबूरी में नहीं होते, तो वे लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी द्वारा नहीं खींचे जाते।”
प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पार्टी के बारे में पूछने पर भट्टाचार्य ने कहा कि किशोर बीजेपी की ‘बी टीम’ की तरह काम कर रहे हैं, और अब लोगों में उनके प्रति पहले जैसी उत्साह और रोमांच नहीं रही।
केंद्र सरकार द्वारा जाति आधारित 16वीं जनगणना कराने की घोषणा के बारे में भट्टाचार्य ने कहा कि BJP पहले इसके खिलाफ थी, लेकिन शायद उन्होंने यह बिहार चुनावों के मद्देनजर किया। उन्होंने ruling party पर व्यंग्य करते हुए कहा, “लोग जानते हैं कि बीजेपी वो नहीं करती जो कहती है।”
उन्होंने जाति जनगणना के साथ-साथ आरक्षण की सीमा बढ़ाने और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
बाएं दलों के एकीकरण के सवाल पर, भट्टाचार्य ने कहा कि उनके अनुसार, यह अंतिम कदम हो सकता है, लेकिन इस समय सभी बाएं दलों के बीच बेहतर समन्वय होना आवश्यक है।