
महिंद्रा एंड महिंद्रा अपनी रणनीति पर कायम है। कंपनी प्रीमियम और अलग पहचान वाले वाहनों की पेशकश जारी रखेगी। इसमें इंटरनल कंबशन इंजन वाले SUV और इलेक्ट्रिक व्हीकल शामिल हैं।
इस कदम का उद्देश्य घरेलू पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में कंपनी की मौजूदगी को और मजबूत करना है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
मुंबई स्थित ऑटो दिग्गज की तत्काल CNG या अन्य वैकल्पिक ईंधन तकनीक लाने की कोई योजना नहीं है। कंपनी अपनी मूल ब्रांड पहचान पर टिके रहना चाहती है।
वह उन ग्राहकों को टारगेट कर रही है जो अलग और प्रीमियम उत्पाद चाहते हैं। महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रेसिडेंट ऑटोमोटिव बिजनेस आर वेलुसामी ने इस बारे में बातचीत में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कंपनी का फोकस ICE और इलेक्ट्रिक पर है और इन क्षेत्रों में वह अच्छी ग्रोथ कर रही है। पर्सनल व्हीकल पोर्टफोलियो में ग्राहक अलग उत्पाद चाहते हैं।
वे मास मार्केट में नहीं रहना चाहते। वेलुसामी ने यह भी नोट किया कि कंपनी SUV सेगमेंट पर दृढ़ता से केंद्रित है। अगले चार वर्षों में कई नए मॉडल लॉन्च करने की योजना है।
हालांकि, कंपनी की मल्टी पर्पज व्हीकल यानी MPV सेगमेंट में एंट्री की तत्काल कोई योजना नहीं है। कंपनी SUV सेगमेंट में ही अपनी ऊर्जा केंद्रित करेगी।
वेलुसामी ने बताया कि कंपनी ऑपरेशनल दक्षता और तकनीकी उन्नति जैसे विभिन्न पहलुओं के जरिए घरेलू बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने पर फोकस कर रही है।
SUV सेगमेंट अभी भी बढ़ रहा है। कंपनी की योजना अब से लेकर 2029 तक और भी मॉडल लाने की है। यह एक निरंतर विकास की रणनीति का हिस्सा है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में कंपनी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 7000 इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट बेचने की योजना बना रही है। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है।
कंपनी का लक्ष्य है कि 2028 तक इलेक्ट्रिक रेंज उसकी कुल बिक्री का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा बन जाए। यह एक बड़ा बदलाव दर्शाता है।
महिंद्रा ने पिछले सात महीनों में पहले ही 30000 से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचे हैं। इसमें BE 6 और XEV 9 मॉडल शामिल हैं।
इस बिक्री से कंपनी को लगभग 8000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार में कंपनी की मजबूत शुरुआत को दर्शाता है।
कंपनी की यह रणनीति स्पष्ट है। वह प्रीमियम SUV और इलेक्ट्रिक व्हीकल के जरिए बाजार में अपनी एक अलग पहचान बनाए रखना चाहती है।
ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं और बाजार के रुझानों को देखते हुए यह दीर्घकालिक दृष्टिकोण एक सटीक कदम लगता है।
महिंद्रा का यह फोकस्ड अप्रोच आने वाले वर्षों में भारतीय ऑटोमोबाइल लैंडस्केप को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।










