
मुंबई, 20 जून (PTI)। चीन द्वारा rare earth elements के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद Tata Motors सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है और मैग्नेट के वैकल्पिक स्रोत भी तलाश रहा है। कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को शेयरहोल्डर्स को यह जानकारी दी।
शेयरहोल्डर्स के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक यह कोई बड़ी समस्या नहीं है लेकिन कंपनी इस पर नजर बनाए हुए है।
उन्होंने बताया, “अभी हमारे पास पर्याप्त मैग्नेट हैं और हम जरूरत के हिसाब से इनकी खरीद कर रहे हैं। साथ ही हम सही स्तर का इन्वेंट्री भी बनाए रख रहे हैं। हम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और दूसरे स्रोतों से भी मैग्नेट प्राप्त करने की योजना पर काम कर रहे हैं।”
चीन द्वारा rare earth elements और संबंधित मैग्नेट के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों का असर घरेलू ऑटो और व्हाइट गुड्स सेक्टर पर पड़ रहा है। ऑटोमोबाइल उद्योग ने पासेंजर कारों सहित विभिन्न उपयोगों में आने वाले rare earth मैग्नेट के आयात के लिए चीनी सरकार से मंजूरी में तेजी लाने हेतु सरकारी सहायता की मांग की है।
ईरान-इजराइल युद्ध के कंपनी के व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे गए सवाल पर चंद्रशेखरन ने कहा कि यह बताना मुश्किल है कि युद्ध जैसी स्थिति कैसी होगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि Tata Motors ग्रुप की तीनों कंपनियों commercial vehicle, passenger vehicles और JLR के पास मजबूत प्लेटफॉर्म है जो अल्पकाल में इन भू-राजनीतिक मुद्दों का सामना कर सकती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में व्यापक भू-राजनीतिक संघर्ष, सैन्य तनाव, आपूर्ति श्रृंखलाओं और टैरिफ व्यवस्थाओं के पुनर्गठन से लेकर AI और ऊर्जा संक्रमण तक आर्थिक चक्रों में अस्थिरता बनी रहेगी। इन सभी व्यवधानों को ऑटोमोटिव सेक्टर में सबसे ज्यादा देखा जा सकता है।
पिछले कुछ वर्षों में किए गए कामों का जिक्र करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि व्यवसायों को सरल बनाने से लेकर बड़े रणनीतिक निर्णय लेने तक, टाटा मोटर्स ने अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है जिससे कंपनी न सिर्फ इस माहौल का सामना कर सकती है बल्कि इसमें फल-फूल भी सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पैसेंजर व्हीकल व्यवसाय के विस्तार के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि कंपनी इस पर विचार कर रही है लेकिन लॉन्च के लिए सही भू-राजनीतिक माहौल की प्रतीक्षा कर रही है। साथ ही कंपनी इसके लिए तैयारी भी कर रही है।
Tata Motors के commercial और passenger vehicle वर्टिकल्स को अलग-अलग संस्थाओं में विभाजित करने की प्रक्रिया के बारे में चंद्रशेखरन ने कहा कि इस साल के अंतिम तिमाही में यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। पहले PV कंपनी और फिर कुछ महीनों बाद CV कंपनी लिस्ट होगी। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर तिमाही के आसपास पूरी हो सकती है।