Mahakumbh record:महाकुंभ की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ

MahaKumbh
source-https://kumbh.gov.in/
महाकुंभ मेला अपने धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ अपनी विशालता और अनोखे आयोजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेला 2019 ने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए जो इसकी विशेषता को और बढ़ाते हैं। आइए इन असाधारण उपलब्धियों पर एक नज़र डालें:
अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता
महाकुंभ मेला को यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (UNESCO) द्वारा “इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज ऑफ ह्यूमैनिटी” के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह मान्यता इस बात का प्रमाण है कि कुंभ मेला न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक अद्वितीय सांस्कृतिक प्रतीक है।
28 फरवरी 2019 को, प्रयागराज शहर में 503 विशेष कुंभ मेला बसों की परेड आयोजित की गई। यह परेड 3.2 किलोमीटर के रास्ते पर निकाली गई थी, जो इस आयोजन को दुनिया की सबसे लंबी बस परेड बनाती है। यह परेड कुंभ मेला की विशालता और प्रबंधन की कुशलता का प्रतीक है।
हाथ के निशानों की सबसे बड़ी चित्रकला में योगदान
1 मार्च 2019 को, 7,644 व्यक्तियों ने मिलकर 8 घंटे के भीतर एक हाथ के निशानों की विशाल चित्रकला में अपना योगदान दिया। यह आयोजन एकता और सामूहिकता का प्रतीक है, जो महाकुंभ के अद्वितीय अनुभवों में से एक है।
एक साथ सबसे अधिक लोगों द्वारा सफाई
2 मार्च 2019 को, 10,181 सफाईकर्मियों ने एक साथ कई स्थानों पर सफाई करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस आयोजन ने न केवल स्वच्छता का संदेश फैलाया, बल्कि सामुदायिक भागीदारी और जनसेवा की भावना को भी बढ़ावा दिया।