
मुम्बई: अभिनेता और होस्ट रनविजय सिंहा ने अपने नए शो ‘गोरी चले गाँव’ को सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि अपनी यादों की एक यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि यह शो, जो भारतीय गाँवों के जीवन को दिखाता है, उन्हें अपने बचपन की यादों में वापस ले गया।
रनविजय ने बताया कि गाँवों में समुदाय के साथ रहने की सादगी और पारंपरिक मूल्यों की गर्मजोशी ने उन्हें भावुक कर दिया। आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा, “जब मुझे इस शो की कॉन्सेप्ट समझाई गई, तो मुझे यह तुरंत बहुत दिलचस्प लगा। उन्होंने बताया कि यह शो पहले मराठी में आ चुका है, जहाँ इसे प्यार मिला। अब इसे पूरे भारत में लाया जा रहा है।”
शो की कहानी बारह शहरी लड़कियों के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने आरामदायक जीवन को छोड़कर एक गाँव में रहने आती हैं। रनविजय ने कहा, “गाँव का जीवन सरल है, लेकिन आसान नहीं। वहाँ आपको अपना काम खुद करना पड़ता है — चाय बनानी है, पानी लाना है। बटन दबाते ही कुछ नहीं मिलता। गाँव में आप घर में बना जो भी मिले, वही खाते हैं।”
उन्होंने गाँव की खूबियों को भी गिनाया। “वहाँ का खाना ऑर्गेनिक है, हवा साफ है, और सबसे बड़ी बात — समुदाय की भावना है। कोई अकेला नहीं होता। सब साथ रहते हैं, साथ खुशियाँ मनाते हैं। यह चीज़ शहरों में दुर्लभ है।”
अपने बचपन को याद करते हुए ‘रोडीज’ फेम होस्ट ने कहा, “मुझे अपने गाँव जाने की याद आती है, जहाँ मुझे कहा जाता था — ‘मजा भी करो, काम भी करो।’ यह अनुभव अद्भुत था। इस शो की वजह से मुझे फिर से वो पल जीने को मिलेंगे।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह गाँव में स्थायी रूप से रहना चाहेंगे, तो रनविजय ने बिना हिचक ‘हाँ’ कहा। “मैं ऑर्गेनिक खेती करूँगा, बास्केटबॉल कोर्ट बनवाऊँगा। गाँव का वातावरण स्वस्थ है, बच्चे वहाँ प्रदूषण और मोबाइल की लत से दूर मजबूत बनते हैं। अगर मैं शहर आए बिना काम कर सकूँ, तो मैं पूरी तरह गाँव में बस जाऊँ।”
‘गोरी चले गाँव’ एक रियलिटी शो है जिसका प्रोडक्शन बैनीजे एशिया कर रहा है। यह ज़ी मराठी के लोकप्रिय शो ‘जाऊ बाई गावत’ से प्रेरित है। इसमें शहरी प्रतियोगियों को गाँव के जीवन की चुनौतियों का सामना करना होगा।