
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने rare earth magnets के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक सब्सिडी योजना पर जल्द ही फैसला लेने की तैयारी कर ली है। भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मंगलवार को बताया कि अगले 15 से 20 दिनों में इस योजना को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
सरकार इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी की राशि तय करने के लिए हितधारकों के साथ चर्चा कर रही है। भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी ने कहा कि अगर कुल प्रोत्साहन राशि 1,000 करोड़ रुपये से अधिक होती है तो इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
कुमारस्वामी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया, “हैदराबाद स्थित एक कंपनी ने दिसंबर तक 500 टन rare earth magnets का उत्पादन करने का वादा किया है। हमने खान मंत्री के साथ भी चर्चा की है। मुझे लगता है कि 15-20 दिनों के भीतर इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा।”
इससे पहले चीन द्वारा कुछ धातुओं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण भारत समेत कई देशों में ऑटोमोबाइल और सेमीकंडक्टर चिप्स के उत्पादन में व्यवधान आया था।
रिजवी ने बताया कि rare earth magnets का वास्तविक उत्पादन शुरू होने में लगभग दो साल लगेंगे। इस बीच सरकार और उद्योग जापान और वियतनाम जैसे वैकल्पिक स्रोतों से आपूर्ति सुनिश्चित करने पर विचार कर रहे हैं।
rare earth magnets, जिसमें नियोडिमियम आयरन बोरॉन (NdFeB) शामिल है, का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों (दोपहिया और यात्री वाहन) में ट्रैक्शन मोटर्स और पावर स्टीयरिंग मोटर्स (यात्री वाहनों में) जैसे उच्च प्रदर्शन वाले ऑटोमोटिव एप्लिकेशन के लिए किया जाता है।
सरकार की यह पहल घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।